Tuesday 29 October 2013

The latest edition of University Hindi Vishwa News Bulletin & My Poem on Farmer's Situation.

विश्‍वविद्यालय की समाचार बुलेटिन हिंदी विश्‍व का ताजा अंक

Monday 28 October 2013

My Mother, My Sunshine, Without You We are not Fine :(

Mommy

 

My mother, my sunshine,
Without you we'll never be fine.
Our family is lacking its spine,
And there's no more joy when we gather to dine.

Your memory is precious to us -
A golden time free of all rush.
A time, when I, as a child
Heard your story of life which was wild.
You told me that one day you'd exit this life;
Thoughts that were deep and caused me such strife.

You are always the very best judge to your kids,
As if we were inside your eyelids.
You are our heart - our divine soulmate
We bow down Maa, to tell you you're great.
I can never repay your supreme love  
To us you are god; there's none like you above.

Ritu Rai
28.10.2013




Cast your Vote for Democracy


Ritu Rai

Friday 25 October 2013

Travelogues



Travelogues By Ritu Rai

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यात्रा वृतांत

दक्षिण यात्रा के दौरान मेरी मुलाकात एक ऐसे परिवार से हुई जो देश की सेवा में अग्रसर था  पति पत्नी और एक बेटी के साथ सफर कर रहे है महोदय को देखकर लग नही रहा था की वो आर्मी में कार्पोरल के पद पर तैनात थे और हाल ही में 2 वर्षीय सेवा दक्षिण सूडान में भारत और संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ तैनात सयुंक्त सेवा में भाग लेकर आए थे। यात्रा के दौरान उनकी छोटी सी बच्ची इधर-उधर ट्रेन मे कर रही थी। उस बच्ची के माता पिता साधारण से दिख रहे थे। मेरे मन में यही विचार आ रहा था की वो कोई कन्स्ट्रकशन या बिज़नस का व्यवसाय करते होंगे। हम तो शांति से बैठे थे किन्तु उनकी पुत्री हमारे समान को इधर उधर करने में लगी थी फिर उससे मैंने बात की वो बहुत ही तेज़ दिमाग की बच्ची थी अक्सर लड़कियां खिलौने में गुड़िया टेडी बीयर जैसे खिलौने की मांग करती है लेकिन उसे वो सब नहीं चाहिए था जब ट्रेन में एक खिलौने का समान लेकर आदमी आया तो उसने उसमे से मोबाइल, कार जैसे खिलौने लिए जब उससे कहा गया गुड़िया ले लो तो उसने कहा नही मुझे नहीं चाहिए। उसके पापा और मम्मी सभी माता पिता की तरह उसकी फर्माइशों को पूरा करते जा रहे थे। इस तरह से वो ट्रेन में धूम मचा रही थी और जब भी खाने-पीने का कोई भी नया चीज़ दिखता तो उसके पिता बिना सोचे समझे झट से खरीद कर उसको दे देते थे। सब तो सही था ट्रेन में सफर के दौरान ऐसी खाने की चीज़े जरूरी नहीं है की बहुत अच्छी और साफ सुथरी हो लेकिन वो विशाखापट्टनम से चले थे तो उनका खाने का समान सब खत्म हो चुका था इसी दौरान उन्होने मिर्ची के पकोड़े लिए। यात्रा के दौरान वो जिन चीजों को खरीद रहे थे वो हम से भी खाने के लिए पूछ रहे थे। उस दिन हमारा व्रत थे और व्रत का पर्याप्त समान था। जैसे ही मिर्ची का पकोड़ा लिए उनकी बेटी कहने लगी पापा मुझे खाना है। पापा श्री ने बेटी को सीधे मिर्ची खिला दी और उसे लग गयी वो तेज़ी से रंगे बिरंगे चेहरे के भाव को बदलती जा रही थी उसके पास तीखा समान तो बहुत था किन्तु खाना मीठा कुछ भी नहीं। उसके चेहरे में हो रहे परिवर्तन को देख कर बहुत हंसी आ रही थी तभी गुंजन ने उसे तुरंत केला दिया। उसने पहले अपने पापा को देखा पापा ने इशारा किया फिर केला लेकर खा कर उसको कुछ शांति मिलती फिर गुंजन ने एक और दिया तो उसे भी खा लिया और उससे पूछा गया और तब तक उसको शांति मिल गयी थी लेकिन फिर इधर उधर करने लगी तब उसके पापा ने कहा फिर से मिर्ची खिला दूंगा तो वो हसने लगी इस तरह समय रास्ते की ओर बढ़ता जा रहा था हम लोग आईपॉड सुन रहे थे तो बच्ची की माँ ने कहा ये कितने का लिए हमने बताया फिर उसने कहा कितने गाने आ जाएंगे फिर मुझे लगा ये इतने सारे-सवाल पूछे जा रही है देखने से तो जरा सा भी नहीं लग रहा था की वो टेक्नालजी का कुछ समझ भी होगा क्यूंकी बहुत ही साधारण लग रहे थे और कुछ भी कोई भी चीज़ खा लेना जबकि ट्रेन में बिकने वाले समान को बहुत कम ऐसी परिस्थिति में खरीदना चाहिए जब आपके पास अन्य कोई विकल्प न हो। तो माँ के नाते वो उतनी सजग नही थी बच्ची को कुछ भी खिला दे रही थी लेकिन हाँ माता पिता बच्ची की हर ज़िद्द को पूरी कर रहे थे। बच्ची टैब में गेम खेल रही थी तो मैंने सोचा ये गेम वाला टैब होगा लेकिन उसकी मम्मी बातों ही बातों में अपने पति के सूडान यात्रा के अनुभव बताने लगी। वो कहने लगी वहाँ की स्तथी बहुत ही खराब है। जल की बहुत ज्यादा समस्या है और वहाँ आदमी ही आदमी को मार के खा जाता है। मुझे अजीब सा तो लग रहा था तभी बेटी के हाथों से टैब को लेकर हमे वहाँ का विडियो दिखाना शुरू कर दिया मैंने कहाँ मम्मी भी सुपर है पूरे दिन भर उनकी बेटी जिसमें गेम खेल रही थी वो उनके पति का टैब था जिसपे एक भी कॉल नही आया था तो मुझे लगा ये पक्का बच्चों के खेलने वाला गेम का टैब होगा उसपे कार्टून का कवर लगा था। बाद में पता चला ये तो सैमसंग टैब है फिर उन्होने मुझे सूडान की जीवन स्तर और वहाँ के लोगों के बारे में बताया। ये भी बताया की उनके पति के साथ गए 5 मित्रों को वहाँ के विद्रोहियों ने मार डाला था। इसके बाद मुझे और भी जानने की उत्सुकता बढ़ी तो मैंने पूछा की वहाँ में सरकार कैसे है और क्या-क्या समस्या है ? तो उनके पति ने कहा मुख्य समस्या ये है की वहाँ अभी पढे लिखे लोग कम है वहाँ पे दो जनजाति है जिसमे आपस में हमेशा विद्रोह होता रहता है रिजैगत जनजाति और मालिया जनजाति। ये दोनों जनजाति एक दूसरे पर बराबर हमला करते रहते है। रिजैगत जनजाति के लोग मालिया जनजाति के लोगो को मार के खा भी जाते है फिर मालिया जनजाति वाले बदला लेने के लिए रिजैगत जनजाति के साथ वैसा ही करता है और स्वास्थ कुपोषण जैसी अनेक समस्याएँ वहाँ पर विधमान है। बताया की वहाँ पर जान पर खेल कर भारतीय सैनिक इन दोनों जनजातियों के बीच शांति व्यसथा बनाने का काम करते है और सूडान के दूसरे पक्ष पर भी बात की जैसा की सूडान अब दो भागों में बट गया है। उत्तरी सूडान और दक्षिणी सूडान उन्होने बताया की अभी अप्रैल में रेबेल हमले से अपने 5 साथियों को खोया है। वहाँ के लोग बहुत ही मजबूत होते है क्यूंकी जानवर इंसान किसी का भी खून पी जाते हैं। उनके अंदर मानवता का एहसास हमारे देश की तरह नहीं है। अपनी यात्रा के दौरान बहुत सारे अनुभवों को बताया लेकिन अपने साथियों को खोना का गम भी बहुत था। उन्होने कहाँ हमारे देश में इतनी विभिन्नता होने के बावजूद बहुत शांति है लेकिन वहाँ दो ही जाति में इतना बड़ा संघर्ष उसको शांत करने के लिए अन्य देशों का सहयोग भी लिया जाता है। वहाँ की जनता ही वहाँ की आर्मी है इसके पीछे भी बहुत लंबी कहानी है। इस तरह से चलते-चलते उनकी मंज़िल आ चुकी थी लेकिन कम समय में मुझे बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई जिसके लिए उनका धन्यवाद ।

ऋतु राय


सूडान देश का संक्षिप्त परिचय 

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सूडान, आधिकारिक तौर पर सूडान गणराज्य, उत्तरी पूर्व अफ्रीका में स्थित एक देश है। यह अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश है, इसके अलावा क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का दसवां सबसे बड़ा देश है। इसके उत्तर में मिस्र, उत्तर पूर्व में लाल सागर, पूर्व में इरिट्रिया और इथियोपिया, दक्षिणपूर्व में युगांडा और केन्या, दक्षिण पश्चिम में कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पश्चिम में चाड और पश्चिमोत्तर में लीबिया स्थित है। दुनिया की सबसे लंबी नदी नील नदी, देश को पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में विभाजित करती है। इसकी राजधानी खार्तूम है। सूडान दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां आज भी 3000 ईपू बसी बस्तियां अपना वजूद बचाए हुए हैं। यूनाइटेड किंगडम से 1956 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद सूडान को 17 साल तक चले लंबे गृह युद्ध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अरबी और न्यूबियन मूल की बहुतायत वाले उत्तरी सूडान और ईसाई और एनिमिस्ट निलोट्स बहुल वाले दक्षिणी सूडान के बीच जातीय, धार्मिक और आर्थिक युद्ध छिड़ गया, जिसकी वजह से 1983 में दूसरा गृहयुद्ध शुरू हुआ। इन लड़ाइयों के बीच कर्नल उमर अल बाशिर ने 1989 में रक्तविहिन तख्तापटल कर सत्ता हथिया ली। सूडान ने व्यापक आर्थिक सुधारों को लागू कर वृहदतर आर्थिक विकास दर हासिल की और 2005 में एक नया संविधान के माध्यम से दक्षिण के विद्रोही गुटों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करने और 2011 में स्वतंत्रता के मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने की बात सहमति बनने के बाद गृहयुद्ध समाप्त किया। प्राकृतिक संसाधन के रूप में पेट्रोलियम और कच्चे तेल से भरे-पूरे सूडान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जनवादी गणराज्य चीन और रूस सूडान के सबसे बड़े व्यापार भागीदार हैं। 

दक्षिण सूडान

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दक्षिण सूडान या 'जनूब-उस-सूडान' (दक्षिणी सूडान गणतंत्र) अफ्रीका का नया देश है। यह विश्व का 196वां स्वतंत्र देश, संयुक्त राष्ट्र का 193वां सदस्य तथा अफ्रीका का 55वां देश है। दशकों के खून खराबे के बाद दक्षिण सूडान को आजादी मिली है। चारों तरफ धरती से घिरे इस देश को सागर तक पहुंचने के लिए सूडान की मदद लेनी होगी। सूडान इसके तेल व अन्य सामान को पोर्ट सूडान तक लाने-ले जाने के लिए रास्ता देगा। नए देश की खासियत यह होगी कि यह अपने शहरों का विकास पशुओं व फलों की आकृति के आकार में विकसित करेगा। राजधानी जुबा को गेंडे के आकार में बनाने की योजना है।

 



ऋतु राय


Five Indian soldiers killed as rebels ambush convoy in South Sudan




Five soldiers of the Indian Army were killed and four injured in an ambush on Tuesday morning of their United Nations peacekeeping mission by unidentified assailants in South Sudan. Seven civilians also perished in the ambush that began at 9 a.m. and continued for over an hour.
Lt. Colonel Mahipal Singh, Havaldars Heera Lal and Bharat Sasmal, Naib Subedar Shiv Kumar Pal and Sipahi Nand Kishore Joshi were killed as they escorted a 32-member convoy near the settlement of Gumuruk in Jonglei State. According to agency reports, the convoy was en route to Bor when it was struck by rocket-propelled grenades and small arms fire.
Some members of the convoy are yet to be accounted for. Last month, an Indian soldier was shot at and injured in the same region.
A U.N. spokesperson declined to share details of the nature of the convoy or the number of people missing.
In a telephone conversation, Col. Saurabh Mishra, Commanding Officer of the 6 Mahar regiment in Jonglei, declined to comment as he was focused on evacuating those killed and injured.
The bodies of those killed would be brought back to the country, said official sources in the Ministry of External Affairs.
Defence Minister A.K. Antony lauded the bravery of the slain soldiers and conveyed his grief to their families.
Hilde F. Johnson, Special Representative of the U.N. Secretary-General in South Sudan, condemned the attacked “in the strongest terms,” a U.N. release said.
A contingent of 2,200 Indian Army personnel are deployed with the United Nations Mission in South Sudan (UNMISS). While one group is based in Malakkal on the border with Sudan, the other one is deployed in Jonglei. Elsewhere on the African continent, Indian troops are involved in peacekeeping operations in the Democratic Republic of Congo and Cote d’Ivoire.
“The U.N. peacekeepers were deployed in certain parts of Jonglei, where there is some insecurity,” said Jonglei’s Governor Kuol Manyang Juuk. “Whenever there was any disturbance, the civil population would run to the U.N. camps where they felt secure.”
“The peacekeepers did not engage in any combat, but were friendly and peaceful towards the populace,” he said. A U.N. official confirmed that the peacekeepers conducted regular patrols of the troubled region but were not involved in combat operations.
Jonglei is the largest and most populous State in South Sudan, a country carved out its northern neighbour in 2011 after a brutal civil war spanning many decades. Post-independence, the State has been roiled by inter-ethnic conflict between the Lou Nuer and Murle communities. The conflict has since escalated into a full-blown insurgency led by Murle leader David Yauyau who, the South Sudanese believe, is backed by the government of Sudan. Sudanese officials have repeatedly denied these allegations.
Last week, the U.N. urged South Sudan’s government to protect communities in Jonglei, even as representatives of France, Canada, Norway, the U.S. and the U.K. expressed concern that military conflict, lack of infrastructure, seasonal migration and deterioration of law and order were putting civilian lives at risk. About 17,000 people have been displaced in Jonglei due to the current conflict, according to the U.N.
Apart from providing peacekeepers, India also has significant economic assets in the two countries. Oil and Natural Gas Corporation Videsh Ltd (OVL) has a stake in South Sudan’s oil fields. It has constructed and financed a 741-km pipeline in the north from the Khartoum refinery to Port Sudan on the Red Sea.

Tuesday 22 October 2013

Bionic man Walks Talks and Breathes Like You :)

Hello I am Bionic Man Who Can Talk Like You, Who Can Walk Like You, Who Can Laugh Like you :)

 


विश्व का पहला रोबोट मानव (बायोनिक मैन) विकसित कर दिया गया हैं।  इसे पूर्ण रूप से कृत्रिम अंगों से तैयार किया गया।इसका नाम ‘रोबोटिक एक्सोस्केलटन‘ (रेक्स) रखा गया।बायोनिक मैन टहल सकता है, बात कर सकता है और इसका दिल भी धड़कता है. इसे विश्व के कई देशों की प्रयोगशाला से प्रदान किए गए कृत्रिम अंगों से तैयार किया गया।इस रोबोट को तैयार करने में लगभग 10 लाख डॉलर (लगभग छह करोड़ 10 लाख रुपए) की लागत आई।


रोबोट मानव (बायोनिक मैन) से संबंधित मुख्य तथ्य
• इंग्लैंड के वैज्ञानिक रिचर्ड वाकर और मैथ्यू गोडेन ने मिलकर इस रोबोट को तैयार किया.
• ‘रेक्स’ नामक इस कृत्रिम मानव का निर्माण कृत्रिम हाथ-पैरों, कृत्रिम रक्त-संचार प्रणाली और कृत्रिम अंगों से किया गया.
• इसका कद 6.5 फुट है और इसके मनुष्य जैसे चेहरे पर भूरी आंखें हैं.
• रेक्स’ के लिए कृत्रिम पैर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (एमआइटी) ने प्रदान किए. कृत्रिम रक्त शेफील्ड यूनिवर्सिटी से मिला है.
• रेक्स के लिए कृत्रिम किडनी और पैंक्रियास की व्यवस्था यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और कृत्रिम रेटिना का ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने प्रदान किए।

Monday 21 October 2013

I love to think of nature ... I'm compelled to tell the Sroty Of Nature ...

 
आपके सवालों का जवाब प्रकृति से बेहतर और कोई नही दे सकता है।

ऋतु राय

No one can give better answers to Your Questions than Nature: Ritu Rai

Good Morning

Have a Wonderful Day !!!!

Friday 18 October 2013

Today and Tomorrow Will be Together.




It's very Delicate relation
Today I will handle it
Tomorrow will be yours Turn
And I will be at your place
Then the relationship will be even more critical

Ritu Rai

Tuesday 15 October 2013

Altitude of Imagination



A Depth View :)


तस्वीर बयां कर रही है की नज़र कितनी गहरी होती है और यह सच है वह कल्पना के साथ यथार्थ में उतरती है। उपरोक्त तस्वीर किसी कैमरे की नज़र से कैद नहीं है यह तो व्यक्ति के उच्चतम कल्पना में होने का तसदीक़ है।

Above Picture is Painting, Which is Painted by Realistic Painter S.Ilayaraja ( S.Elayaraja is one of the popular young artist of recent times. His paintings reflect the real life where light and shade plays prominent Role.)

ऋतु राय 

Monday 14 October 2013

God's Plan For Your Life & Happiness.

 Destiny's Child

I Just want remain Same as God had sent me :). I am thankful to God Because He had sent to everyone here with a Spiritual Soul, Now its Depend on yourself that you want to play with mud or in Enlightenment of
soul .
I see you working hard (To my God)

I want to let you know I'm proud

Let you know that I admire what you do

The more I need to reassure you

My life would be purposeless without you

Thank you  Maa & God

Ritu Rai

Thursday 3 October 2013

Ruthless Life of Jhariya, Jharkhand

देश के बेहतरीन कोयले वाला झारखंड का झरिया लोगों की यादों से झर चुका है। काले सोने ने झरिया के लोगों का जीवन भी काला कर दिया है
 

जल रहा है झरिया

झरिया में पिछले एक दशक से कोयले की खदानों में आग लगी हुई है, जिसका खामियाजा पर्यावरण और वहां रह रहे लोगों की सेहत को उठाना पड़ रहा है. जमीन से लगातार धुआं निकल रहा है

 
 



गरीबी

झरिया में दो सदियों से कोयला निकाला जा रहा है. लेकिन वहां के लोगों की आर्थिक हालत बहुत ही खराब है. सरकार ने खनन में निवेश तो किया, पर सामाजिक आर्थिक विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया

काला सोना

अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक है. झारखंड के झरिया में देश का बेहतरीन कोयला मिलता है. काले सोने ने झरिया के लोगों का जीवन भी काला कर दिया है।


कहां जाएं

पिछले दो दशकों से लोगों को झरिया से हटा कर कहीं और बसाने पर चर्चा चल रही है, ताकि आग पर काबू पाया जा सके. लेकिन सही योजना के अभाव में अब तक कुछ हो नहीं पाया है।

कोई भविष्य नहीं

दामोदर घाटी के इस इलाके में रहने वाले लोगों को कहीं और बसाने के लिए दस हजार रुपये का मुआवजा देने की बात भी चल रही है. लेकिन लोगों को भविष्य की चिंता सता रही है।

बीमार बचपन

झरिया का लगभग हर बच्चा दमे का शिकार है. इलाके में और उसके आसपास रहने वाले लोगों को सांस की कई तरह की बीमारियां हैं. इसमें फेफडों का कैंसर भी शामिल है।

अवैध खनन

कई दशकों से यहां कोयले का अवैध खनन भी हो रहा है जो बहुत खतरनाक है. इसकी कोई गिनती नहीं है कि कोयले के अवैध खनन के कारण झरिया में अब तक कितने लोगों की जान गई है।




गंदगी में जीवन

क्या इंसान, क्या जानवर, झरिया में जीवन दूभर है. यहां के लोग पानी के लिए दामोदर नदी पर निर्भर करते हैं. कोयले के अवैध खनन के कारण यहां पानी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है।

भगवान भरोसे

सरकार ने योजनाएं जरूर बनाई हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ है. झरिया के लोग बस भगवान भरोसे हैं।

Photographs & Info By Deutsche Welle 


झारखंड के झरिया का जर्जर विकास

 झारखण्ड के झरिया का विकास एक ऐसा विकास जिसके बारे में जानकार लगा की अब लोग बड़े निष्ठुर हो गए और ऐसा विकास तो कतिपय नही होना चाहिए। लालच एक सीमा त्यागने के बाद ललकारती भी है। प्रकृति के दुःख को अनसुना करना खतरनाक साबित हो सकता है। इस देश के लिए हमारे सामने उत्तराखंड का उदाहरण सबसे बड़ा है लेकिन अभी भी सभी सो रहे है और झारखण्ड का झरिया अपने जर्जर विकास पे रो रहा है। झरिया के बारे में जानकार मैं हतप्रभ रह गयी की ऐसे भी अवस्था में लोग कैसे जीवन व्यतीत कर रहे है? इस पर मैंने कविता लिखा है जिसका शीर्षक है झारखंड के झरिया का जर्जर विकास।


कैसा ये विकास है ?
जिसमे होता है तुम्हारा विकास
तुम्हारे रुपयों का विकास
तुम्हारे घर का विकास
करके हमको सर्वनाश
फिर ये कैसा विकास ?
कोयले की कालिख में
इस कदर लिपटे है हम
की यह जलने और जलाने का
जारी है विकास
कोयले के कारोबार से
सफ़ेद लिबास का विकास
लेकिन एक भी कालिख का
दाग नहीं है तुम्हारे सफ़ेद पोशाक के आस-पास 
काश कुछ तो होता आस
रुकता ये प्रकृति और पर्यावरण का विनाश
थमता उन सांसो में दूषित धुएं का विकास
स्नायु तन्त्र से तीव्र साँसों की रफ़्तार का विकास 
जीवन से तीव्र मृत्यु का विकास
बचपन से तीव्र बुढ़ापे का विकास
अब ठहराव की राह ढूंढ़ रहा
झरिया का बेरहम विकास 

ऋतु राय

Thank You "Maa"



एक जादुई चेहरा
जिसे देखकर
सारे गम
सारे दर्द
सारी मायूसी
गायब हो जाती है
जवाब ही ऐसा होता है "माँ " का 



ऋतु राय

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस

इस बार अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर 2013 को मनाया गया। इस वर्ष 2013 के वृद्धजन दिवस का विषय है – ‘हम जो भविष्य चाहते हैं: वृद्धजन क्या कहते हैं’। यह दिवस वृद्धजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता का प्रतीक है।


हम जो भविष्य चाहते हैं और वृद्धजन क्या कहते है? ये सवाल अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है आज हम अपनी बातों को, हम क्या चाहते है ? सिर्फ और सिर्फ हमारे स्वार्थ से ही जुड़ के रह गयी है। परिवार से प्रारम्भ होता जीवन का अर्थ कहाँ किसी और मूड गया अब उसका पता ही नहीं चलता हैं वृद्धों की बातों और उनकी सलाह को तो दूर रखिए अब तो लोग घर में मौजूद अपने बुजुर्गों का तो हाल-चाल तक नहीं लेते उनकी सलाह मशौरा क्या खाक लेंगे ? जीवन के मूल्यों को समझने के लिए उन सभी रिश्तों की पहचान होनी बहुत जरूर है जिनसे "हम" की श्रंखला शुरू होती है। अपने बुजुर्गों के अनुपम प्रेम को मत ठुकराइए। बच्चों में नैतिक मूल्यों को सींचने में कहीं न कहीं दादा दादी की कहानियाँ होती है। अब वो बात कहाँ बच्चे दादा दादी का न प्यार पा रहे है न ही प्यार दे पा रहे है जैसे जैसे एकल परिवार बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे नैतिक मूल्य का हास होता जा रहा हैं।




आखिर कब आया अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस?

संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने वर्ष 1990 में 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस घोषित किया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक महत्व्पूर्ण सदस्य होने के नाते भारत वर्ष 2005 से प्रति वर्ष इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाता है। भारत का केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण का दायित्व निभाता है। इस मंत्रालय ने 1 से 7 अक्टूबर 2013 तक इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया है।
विदित हो कि वर्ष 2013 से वयोश्रेष्ठ‍ सम्मान को राष्ट्रीय पुरस्कार का दर्जा दिया गया. इस तरह के पहले राष्ट्रीय पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति 1 अक्टूबर, 2013 को विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में 8 व्यक्तियों/संस्थानों/राज्यों को विभिन्न वर्गों के लिए प्रदान किया।


ऋतु राय


Tuesday 1 October 2013

लालबहादुर शास्‍त्री को शत्-शत् नमन

सच और सादगी में बहादुर

सादगी के दीवाने

देश के लाल और भारत के बहादुर पुत्र को शत्-शत् नमन


You must be the change you wish to see in the world.

बापू के विचार और उनके विचारक




गाँधीजी को श्रद्धांजलि

'महात्‍मा' के शब्‍द को संस्कृत शब्‍दों से बनाया गया है- 'महा' का अर्थ है 'बड़ा' और 'आत्‍म' का अर्थ है 'आत्‍मा'। महात्मा गाँधी को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 'महात्‍मा' की उपाधि दी थी। उन्‍होंने महत्‍वपूर्ण नेताओं और राजनीतिक आंदोलनों को प्रभावित किया था।

 गाँधीजी को कई महापुरुषों ने इस प्रकार श्रद्धांजलि दी थी- 

  • "महात्‍मा गाँधी आए और भारत के लाखों वंचित परिवारों के साथ खड़े हो गए" - रवीन्द्रनाथ टैगोर
  • "रोशनी की एक मात्र किरण, वे इन अंधेरे दिनों में हमारी सहायता के लिए प्रकाश की एक मात्र किरण थे" - ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान
  • "आने वाली पीढ़ियाँ इस बात पर शायद ही यकीन करेंगी कि हाड़-मांस का बना हुआ कोई ऐसा व्‍यक्ति किसी समय इस पृथ्वी पर आया था" - एल्‍बर्ट आइंस्‍टाइन
  • "अन्‍य अधिकांश लोगों के समान मैंने भी गाँधी को सुना है, परन्‍तु मैंने कभी गंभीरतापूर्वक उनका अध्‍ययन नहीं किया। जब मैंने उन्‍हें पढ़ा तो मैं अहिंसा के प्रतिरोध पर आधारित उनके अभियानों को देखकर चकित रह गया... सत्‍याग्रह की संपूर्ण संकल्‍पना मेरे लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण थी।" - डॉ. मार्टेन लूथर किंग, जूनियर
  • "मैं और अन्‍य क्रांतिकारी महात्मा गाँधी के प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष शिष्‍य हैं, न इससे कम न इससे अधिक" - हो चि मिह्न
  • "गाँधीजी के प्रभाव? आप हिमालय के कुछ प्रभावों के बारे में पूछ सकते हैं" - बर्नार्ड शॉ
  • "महात्‍मा गाँधी को इतिहास में महात्मा बुद्ध और ईसा मसीह का दर्जा प्राप्‍त होगा" - अर्ल माउंटबेटन
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    Ritu Rai

Let's start the Revolution of thought...



विचारो की क्रांति आने दो
मन-मानस में गाँधी आने दो
झक्कड़ तूफ़ानो को मत रोकना
साहस व हौसला मत तोड़ना
अब हर मंजिल, हर रास्ता छू जाने दो
जरुरत है साज-शस्र बदलने की
आवाज व अवाम बदलने की
अब तो ज्ञान-गंगा की आंधी आने दो
मत रोकना कदम तुम अपने दो
अब तो बस आसमानों को भी झुक जाने दो
विचारो की क्रांति आने दो
मन-मानस में गाँधी आने दो

ऋतु राय

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस

अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस



Ritu Rai