Wednesday 17 November 2021

Saturday 2 October 2021

"खादी वस्त्र नहीं, विचार है" महात्मा गांधी

 "खादी वस्त्र नहीं, विचार है"
महात्मा गांधी


आज राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित मेरा लेख


Friday 3 September 2021

सोशल मीडिया का विस्तार और संचार के बदलते आयाम

 

सोशल मीडिया का विस्तार और संचार के बदलते आयाम

हमारा समाज निरंतर गतिशील है, ऐसे में मनुष्य और मशीन का संबंध नए आयाम गढ़ता है। समाज और संस्कृति में नूतन परिवर्तन के साथ सोशल मीडिया में भी बदलाव भी होते हैं। एलिहू काट्ज़ कहते हैं कि मीडिया लोगों के साथ क्या करता है, इसकी बजाय लोग मीडिया के साथ क्या करते हैं, यह महत्वपूर्ण है। उनके मत में दर्शक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मीडिया को चुनते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मीडिया का उपयोग करते हैं। आज सोशल मीडिया का बहुविध बढ़ता प्रयोग इस बात की पुष्टि करता है। वस्तुत: किसी भी वस्तु का प्रयोग हमारे लिए उपयुक्त है या नहीं, यह हमारे विवेक पर निर्भर करता है। सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही रूप हैं। ऐसे में इसके संचालन के लिए संतुलन, सयम और सतर्कता जरूरी है। सोशल मीडिया ने शिक्षा, संस्कृति, प्रशासन, बाजार, व्यवसाय या राजनीति सभी को अपने प्रभाव में समाविष्ट किया है। आज सूचनाएं तेज गति से लोगों तक पहुंच रही है, इसलिए लोग अधिक सक्रिय हो नियमित रूप से इस माध्यम पर बने हुए हैं। ऐसे में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर विचार करते रहना जरूरी है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समुचित प्रयोग के साथ भावी संभावनाओं के द्वार खोलने में निर्णायक सिद्ध हो सकता है ।