Thursday 20 March 2014

गौर करे आज विश्व गौरैया दिवस है।

पर्यावरण संरक्षण में गौरैया के महत्व व भूमिका के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट करने तथा इस पक्षी के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता उत्पन्न करने के इरादे से यह आयोजन किया जाता है। यह दिवस पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया था। वैसे देखा जाए तो इस नन्ही गौरैया के विलुप्त होने का कारण मानव ही हैं। हमने तरक्की तो बहुत की लेकिन इस नन्हें पक्षी की तरक्की की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि जो दिवस हमें खुशी के रूप में मनाना चाहिए था, वो हम आज इसलिए मनाते हैं कि इनका अस्तित्व बचा रहे।




गौरैया महज एक पक्षी नहीं है, ये हमारे जीवन का अभिन्न अंग भी रहा है। बस इनके लिए हमें थोड़ी मेहनत रोज करनी होगी। छत पर किसी खुली छावदार जगह पर कटोरी या किसी मिट्टी के बर्तन में इनके लिए चावल और पीने के लिए साफ बर्तन में पानी रखना होगा। फिर देखिये रूठा दोस्त कैसे वापस आता है।

1 comment:

  1. बहुत ही सामयिक और प्रबाहवशाली पोस्ट है। आज पर्यावरण को जिस तरह से नष्ट किया जा रहा है वह मानवता के लिए बहुत बड़ा खतरा बन रहा है। बिटिया को बधाई एवं मंगलकामनायें

    विजय कुमार राय

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