बापू के विचार और उनके विचारक

गाँधीजी को श्रद्धांजलि
'महात्मा' के शब्द को संस्कृत शब्दों से बनाया गया है- 'महा' का अर्थ है 'बड़ा' और 'आत्म' का अर्थ है 'आत्मा'। महात्मा गाँधी को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 'महात्मा' की उपाधि दी थी। उन्होंने महत्वपूर्ण नेताओं और राजनीतिक आंदोलनों को प्रभावित किया था।
गाँधीजी को कई महापुरुषों ने इस प्रकार श्रद्धांजलि दी थी-
- "महात्मा गाँधी आए और भारत के लाखों वंचित परिवारों के साथ खड़े हो गए" - रवीन्द्रनाथ टैगोर
- "रोशनी की एक मात्र किरण, वे इन अंधेरे दिनों में हमारी सहायता के लिए प्रकाश की एक मात्र किरण थे" - ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान
- "आने वाली पीढ़ियाँ इस बात पर शायद ही यकीन करेंगी कि हाड़-मांस का बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति किसी समय इस पृथ्वी पर आया था" - एल्बर्ट आइंस्टाइन
- "अन्य अधिकांश लोगों के समान मैंने भी गाँधी को सुना है, परन्तु मैंने कभी गंभीरतापूर्वक उनका अध्ययन नहीं किया। जब मैंने उन्हें पढ़ा तो मैं अहिंसा के प्रतिरोध पर आधारित उनके अभियानों को देखकर चकित रह गया... सत्याग्रह की संपूर्ण संकल्पना मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी।" - डॉ. मार्टेन लूथर किंग, जूनियर
- "मैं और अन्य क्रांतिकारी महात्मा गाँधी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शिष्य हैं, न इससे कम न इससे अधिक" - हो चि मिह्न
- "गाँधीजी के प्रभाव? आप हिमालय के कुछ प्रभावों के बारे में पूछ सकते हैं" - बर्नार्ड शॉ
- "महात्मा गाँधी को इतिहास में महात्मा बुद्ध और ईसा मसीह का दर्जा प्राप्त होगा" - अर्ल माउंटबेटन
- Ritu Rai
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